यह ध्यान ओशो की श्रृंखला "मैं कौन हूँ" से है, जो श्वास की जागरूकता और आत्म-परीक्षा पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य श्वास, भावनाओं, और आत्म-पहचान के प्रश्न के बीच संबंध को देखकर गहन चेतना की स्थिति प्राप्त करना है।
कैसे करें: ऑडियो डाउनलोड करें और इन चरणों का अनुसरण करें।
आराम से बैठें, आँखें बंद करें और अपनी प्राकृतिक श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। देखिए कैसे आपकी मानसिक स्थिति आपके श्वास को प्रभावित करती है। इसे नियंत्रित करने की कोशिश न करें, बस इसे देखने वाले बने रहें।
धीरे-धीरे अपनी श्वास को धीमा और गहरा बनाएं। ध्यान दें कि जैसे-जैसे आप धीरे-धीरे श्वास लेते हैं, भावनाएँ जैसे क्रोध और चिंता कम होती जाती हैं।
श्वास पर ध्यान देते हुए, खुद से "मैं कौन हूँ?" का सवाल पूछें। यह आत्म-परिचय से परे जाने में मदद करेगा ताकि आप अपने सच्चे स्वरूप का अनुभव कर सकें।
ओशो सुझाव देते हैं कि इस ध्यान को सुबह और शाम दैनिक रूप से अभ्यास करें। निरंतरता आपको आत्म-जागरूकता की एक गहरी स्थिति में पहुँचने में सहायता करेगी।